मोदी सरकार -आर्थिक एवंसामाजिक जन आंदोलन
आर्थिक दर्शन : मोदी सरकार वित्तीय रूप से जिम्मेदारी के साथ, सरकारी व्यय की दक्षता में विश्वास रखती है। हमारी नीतियों का जोर समाज के सशक्तिकरण पर हैं। यह विचार 'अंत्योदय' के द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए है। तेज आर्थिक वृद्धि के साथ असमानता की चुनौती को समाप्त करने के लिए सरकार को जिन जिन साधनों का उपयोग किया जाना चाहिए उनका बेहिचक पालन कर रही है। यह यूपीए सरकार की सौरात की नीति से बिल्कुल विपरीत है।
इसके लिए सरकार के द्वारा बुनियादी ढांचे के खर्च के साथ समाज के आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के लिए आवंटन में वृद्धि की आवश्यकता थी। जीडीपी के अनुपात में कर को बढ़ाना और राजकोषीय घाटे को कम करने के लक्ष्य से सरकार ने जीएसटी (GST) लागू किया जो आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है। जीएसटी के अन्तर्गत कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के द्वारा टैक्स के दायरे को बढ़ाने के साथ पंजीकरण, फाइलिंग, असेसमेंट, और रिफंड सभी कार्यों को ऑनलाइन बिना किसी व्यक्तिगत हस्तक्षेप के आसानी से किया जा सकता है।
इन्सॉल्वेसी एवं बैंकरप्सी कोड (IBC) पूंजी बाजार में बैंकों के लिए सबसे बड़े सुधारों में से एक है। इसके कारण डिफॉल्टर कंपनियों के प्रमोटरों को अपनी कंपनियों पर नियंत्रण खोने की वास्तविक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। आईबीसी के तहत भूषण स्टील लिमिटेड के एनपीए का सफल निस्तारण बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत ला रहा है। फायनेंसियल रिजोल्यूशन और डिपोजिट इंश्योरेंस (FRDI) विधेयक भी वित्तीय संस्थानों में पारदर्शिता ला सकता है।
यूपीए के समय भारत के भविष्य को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में निराशा का भाव था। वर्तमान सरकार की विदेश नीति छवि को दूर करने और वैश्विक समुदाय को आश्वस्त करने में सफल रही है कि भारत अपनी वास्तविक क्षमता हासिल करेगा। सरकार की नीतियों की सफलता देश में बढ़ते विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) से होती है।
सामाजिक दर्शन : सामाजिक सोच में मोदी सरकार कार्यक्रमों और नीतियों के माध्यम से सामाजिक उत्थान के लिए बड़ी सोच, तेज गति और जन भागीदारी में विश्वास करती है। 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत स्वच्छता अभियान गरीबों को सम्मान का जीवन प्रदान करना है, चाहे उनके धर्म, जाति या लिंग कोई भी हो 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' की पहल हमारी बेटियों को अवसर की समानता प्रदान करती है। सरकार ऐसे सभी कार्यकमों से जागरूकता और सार्वजनिक भागीदारी लाने
में सफल रही है। तीन तलाक के मामले में सर्वोच्च न्यायालय में मोदी सरकार का रुख मुस्लिम
महिलाओं के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।
मोदी सरकार संकीर्ण चुनावी लाभ के लिए कोई काम नहीं
करती। इसमें कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार पूरी तरह से संलग्न थी।
2004-2014 की अवधि के दौरान कांग्रेस सरकार ने चुनावी लाभ प्राप्त करने की उम्मीद से
भारतीय समाज को बाटने की कोशिश के अंतर्गत 'सांप्रदायिक हिंसा विधेयक' को पारित करने
के प्रयास किए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) में केवल अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों
को ही छूट दी, जिसके परिणाम स्वरूप हिंदू धर्म से अलग होने के लिए विभिन्न संप्रदायो
में प्रोत्साहन हो गया। यूपीए सरकार ने मुस्लिमों के लिए सच्चर कमेटी भी गठित की और
कई सारे बदलाव करने की कोशिश की जिन्हें असंवैधानिक माना जाता था। कांग्रेस सरकार द्वारा
'भगवा आतंकवाद' की मनगढंत कहानी भी तैयार की गई. ताकि मुस्लिम वोट उसे मिले
मोदी सरकार का मानना है कि उत्तरदायित्व और सुशासन ही चुनावी सफलता सुनिश्चित करता है। सरकार की झूठी आलोचना पर ध्यान दिए बगैर, जनादेश का सम्मान करते हुए अपना काम करते रहना हमारा लक्ष्य है। पिछली सरकारों के विपरीत, मोदी सरकार का मानना है कि अच्छो आर्थिक नीति ही अच्छी राजनीति है। सरकार ने जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उच्च मानक तय किए और अपने मूल्यांकन आधार भी तैयार किए है और वह इस परीक्षा के लिए वह सदा तैयार है। 2014 से अब तक के राज्य चुनावों में बीजेपी की सफलता इसकी गवाही देती है कि मोदी सरकार केंद्र में अपने काम के और श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में मजबूत संगठन के कारण राजनीतिक सफलताएं प्राप्त करती आ रही है।
लेखक भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता (आर्थिक मामले) है
No comments:
Post a Comment