Monday, 14 December 2020

किसानों को गुमराह करने में बिचौलियों का हाथ

 किसानों को गुमराह करने में बिचौलियों का हाथ

पिछले 15 दिनों से कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांग पर अडिग है। पांच बार सरकार की ओर से वार्ता की गई मगर वार्ता विफल रही। किसानों के आंदोलन से नोएडा दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, रोहतक, बहादुरगढ़ आदि इलाकों के उन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जो नौकरी करने के लिए यहां से आते जाते हैं। किसान आंदोलन कब खत्म होगा और किसानों की मांग मानी जाएगी या नहीं और इस कानून को लेकर जय हिंद जनाब ने भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल से बातचीत की।

 जय हिंद जनाब को गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि सरकार किसानों के कई प्रस्तावों पर अमल करने को तैयार है लेकिन जिस तरह कि किसान अब मांग कर रहे हैं। वह सब मांगे मानना उचित नहीं है। श्री अग्रवाल ने कहा कि किसान आंदोलन में बिचौलिए यानी आढ़ती आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान बिचौलियों का हो रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कृषि कानून बनाए हैं। मगर इस कानून का असर किसानों पर उतना नहीं पड़ रहा जितना बिचौलियों पर पड़ रहा है। 

श्री अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा और पंजाब ऐसे राज्य हैं जहां गेहूं और चावल का 90 प्रतिशत होती है। एमएसपी पर यह दोनों फसल खरीदी जाती हैं। सरकार एमएसपी पर 4 लाख करोड रुपए खरीदने के लिए निर्धारित करती है। जिसका 60 प्रतिशत इन दोनों राज्यों में ही जाता है जबकि शेष 40 प्रतिशत पर पूरे देश में सरकार खरीददारी करती है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है।

 वहीं है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों की जमीन किसी भी निजी व्यक्ति के हाथ में नहीं जाएगी। बल्कि प्राइवेट कंपनियों के लिए कई ऐसे क्लोज लगाए गए हैं। जिससे किसानों को ही फायदा होगा। एग्रीमेंट से किसान बाहर जा सकता है और कंपनी उसको किसी भी तरह से फोर्स नहीं कर सकती। एसडीएम और डीएम स्तर पर सुनवाई का क्लोज सरकार हटाने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जो किसान अपने राज्य से बाहर वाली मंडियों में अपनी उपज बेचना चाहते हैं। उनके लिए मंडी टैक्स माफ का भी प्रावधान है। श्री अग्रवाल ने दावा किया कि अघोषित रूप से भारतीयों ने विभिन्न किसानों को करीब 40 हजार करोड रुपए का ऋण दिया हुआ है। जिसकी मजबूरी के चलते किसान आंदोलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में 7 हजार मंडियां है जबकि पूरे देश में इस वक्त 30 हजार मंडियों की जरूरत है। 

सरकार ने किसानों के लिए वैकल्पिक मंडी का रास्ता खुला है ताकि बिचौलियों का कब्जा ना हो सके। उन्होंने उदाहरण दिया कि धान 1950 रुपए है इस कीमत पर 15 प्रतिशत किसानों से राज्य सरकार एमएसपी पर खरीद कर दिए जबकि एमएसपी से नीचे आरती खरीदते हैं और फिर अपना मुनाफा लेकर सरकार को ही बेच देते हैं।

गोपाल कृष्ण अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा।


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