किसानों को गुमराह करने में बिचौलियों का हाथ
पिछले 15 दिनों से कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांग पर अडिग है। पांच बार सरकार की ओर से वार्ता की गई मगर वार्ता विफल रही। किसानों के आंदोलन से नोएडा दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, रोहतक, बहादुरगढ़ आदि इलाकों के उन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जो नौकरी करने के लिए यहां से आते जाते हैं। किसान आंदोलन कब खत्म होगा और किसानों की मांग मानी जाएगी या नहीं और इस कानून को लेकर जय हिंद जनाब ने भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल से बातचीत की।
श्री अग्रवाल ने कहा कि हरियाणा और पंजाब ऐसे राज्य हैं जहां गेहूं और चावल का 90 प्रतिशत होती है। एमएसपी पर यह दोनों फसल खरीदी जाती हैं। सरकार एमएसपी पर 4 लाख करोड रुपए खरीदने के लिए निर्धारित करती है। जिसका 60 प्रतिशत इन दोनों राज्यों में ही जाता है जबकि शेष 40 प्रतिशत पर पूरे देश में सरकार खरीददारी करती है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है।
सरकार ने किसानों के लिए वैकल्पिक मंडी का रास्ता खुला है ताकि बिचौलियों का कब्जा ना हो सके। उन्होंने उदाहरण दिया कि धान 1950 रुपए है इस कीमत पर 15 प्रतिशत किसानों से राज्य सरकार एमएसपी पर खरीद कर दिए जबकि एमएसपी से नीचे आरती खरीदते हैं और फिर अपना मुनाफा लेकर सरकार को ही बेच देते हैं।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा।
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