गोपाल कृष्ण अग्रवाल
भारत अगर आने वाले समय में अपने
आप को विश्वगुरु के स्थान पर देखता है, तो आवश्यक है कि वह आर्थिक
महाशक्ति के रूप में खड़ा हो। वैश्विक पटल पर आर्थिक महाशक्ति हुए बिना कोई भी देश
हमारे नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेगा। चाहे कूटनीति का क्षेत्र हो या व्यापारिक
आदान-प्रदान की संधि, सीमा
विवाद, पर्यावरण
के विषय, पानी का
बंटवारा सभी क्षेत्र में आर्थिक रूप से सशक्त देश की ही बात मानी जाती है। यहां तक
कि आयात-निर्यात के विषय भी आर्थिक सक्षमता के आधार पर ही तय किए जाते हैं। आज
कूटनीतिक स्तर पर भारत का जो प्रभाव बढ़ रहा है, उसका महत्वपूर्ण कारण भारत की
बढ़ती आर्थिक स्थिति है। हम ही नहीं, विश्व भी आज मान रहा है कि आने
वाले समय में भारत का आर्थिक विकास बहुत तेज गति से होगा। आने वाले दशकों में
भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार तीसरी सबसे बड़ी
अर्थव्यवस्था हो जाएगी। हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है। हमारे
यहां विश्व में सबसे ज्यादा निवेश हो रहा है। अभी हाल में उत्तर प्रदेश में ग्लोबल
इन्वेस्टर्स समिट 2023 संपन्न हुआ है। उसने दिखा दिया कि भारत में निवेश के लिए विश्व के
लोग बहुत लालायित हैं। कुल निवेश का लक्ष्य दस लाख करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन
अनुबंध साढ़े तैंतीस लाख करोड़ रुपये के हुए हैं। अभी भारत की टाटा समूह की
एयरलाइंस एयर इंडिया ने फ्रांस और अमेरिका से 800 हवाई जहाज खरीदने का सौदा किया
है, जिसका
स्वागत अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांस के राष्ट्रपति मेक्रोन ने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देकर किया।
कोविड महामारी के बाद वैश्विक
अर्थव्यवस्था महंगाई, मंदी और
बजटीय घाटे के चक्रव्यूह में फंस गई है। हर जगह मंदी के संकेत दिखने लगे हैं। चाहे
अमेरिका हो, या चीन
या यूरोप जैसे विश्व के आर्थिक रूप से विकसित देश हों या फिर पाकिस्तान, श्रीलंका, तुर्की जैसे विकासशील देश सभी
के आर्थिक विकास की गति डगमगा गई है। इनके द्वारा कोविड महामारी से निजात पाने के
लिए जो नीतियां अपनाई गई थी, वह सकारात्मक परिणाम नहीं ला पाई हैं।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी
द्वारा अपनाई गई आर्थिक-सामाजिक नीतियों के परिणामस्वरूप भारत आज विश्व की सबसे
तीव्र गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है और दुनिया में
अग्रणी अर्थव्यवस्था वाले देश
में शुमार है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार अपना देश महंगाई को नियंत्रित करने
में सफल है। दुनिया के अनेक देशों में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। हमारी अर्थव्यवस्था
मंदी से उभरकर रफ्तार पकड़ चुकी है और अब इस बजट में स्पष्ट कर रूप से वित्तीय
घाटे को पाटने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। आने वाले वर्ष में वित्तीय घाटा 5.9% हो जाएगा और वित्तीय वर्ष 2024-25
में यह 4.5% रहेगा, ऐसा लक्ष्य निर्धारित किया गया
है।
चाहे फार्मा का क्षेत्र हो, वैक्सीन की बात हो, डिफेंस में तेजस फाइटर प्लेन का
निर्यात हो, यूपीआई
द्वारा डिजिटल लेनदेन का कार्य हो, ऊर्जा क्षेत्र में ग्रीन
हाइड्रोजन, सौर
ऊर्जा या वैकल्पिक ऊर्जा हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, ऑटोमोबाइल का उत्पादन हो, सब क्षेत्रों में भारत अग्रणी
भूमिका में आ रहा है। 5जी और
कार्बन उत्सर्जन में हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। सड़क निर्माण, रेल मार्ग, संगीत, नृत्य कला, उत्सव आर्किटेक्चर सभी की भारत
में समृद्धि के रहते हुए पर्यटन की प्रचुर संभावनाएं हैं। चाहे बहुराष्ट्रीय
प्लेटफार्म हो जैसे जी-20, डब्लूईएफ, विश्व
व्यापार संगठन, ओईसीडी, क्वाड, एससीओ या संयुक्त राष्ट्र की
सुरक्षा परिषद् की सदस्यता, सभी में
भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है। वैश्विक स्तर पर भारत के प्रधानमंत्री की राय
सुनी जाती है, मानी
जाती है।
द्विराष्ट्रीय व्यापार समझौतों के
प्रति भी सभी देशों का रुझान भारत की ओर बढ़ रहा है। हम संयुक्त अरब अमीरात, यूरोप और अमेरिका से व्यापार
संधि कर रहे हैं। आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि के
अनुसार भारत आर्थिक महाशक्ति अवश्य बनेगा। देश में जिस तरह के आर्थिक नीतिगत रिफ़ार्म
की आवश्यकता है, उसे
मजबूत इच्छाशक्ति के साथ लागू करने वाला यह बजट 2023-24 है। श्रीमती निर्मला सीतारमण जी
द्वारा प्रस्तुत श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का 2023-24 वाला बजट अमृत काल की आधारशिला
रखेगा। और भारत को विश्वगुरु के स्थान पर ले जाने वाला बजट है।
सरकार का
आधारभूत संरचना के लिए व्यय बढ़ाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित रखना अपने देश के
चौतरफा विकास को सुनिश्चित करेगा। भारत की मजबूत आर्थिक व्यवस्था को गति प्रदान
करने के लिए केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इस पर कुल पूंजीगत व्यय 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। देश
में बुनियादी सुविधाओं के विकास से आर्थिक तरक्की को तेजी मिलेगी।
इस बार सरकार ने किसी भी प्रकार
के नए कर भी नहीं लगाए हैं और सभी करदाताओं को राहत प्रदान की है। अपने आधारभूत
संरचना निर्माण व जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास आवास योजना, छोटे मध्यम और मझोले उद्योगों
की सहायता, कृषि एवं
सहकारी क्षेत्र को विशेष राहत दी है। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार अगर
सरकार आधारभूत क्षेत्र में एक रुपया खर्च करती है तो उससे अर्थव्यवस्था में तीन
रुपये के लगभग की मांग सृजित करने की क्षमता होती है और वहीं सरकार द्वारा सीधी
आर्थिक मदद में एक रुपये में से पंचानबे पैसे की मांग ही सुनिश्चित हो पाती हैं।
छोटे करदाताओं को विशेष राहत
मिली है। सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले हर व्यक्ति को शून्य टैक्स देना
पड़ेगा। युवाओं के कौशल विकास के लिए केंद्रों का निर्माण, कर्मयोगी योजना में हाथ से काम
करने वालों के सशक्तीकरण का विशेष प्रावधान है। भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए
वैकल्पिक ऊर्जा जैसे हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना और हरित विकास के तहत कार्बन
उत्सर्जन को कम किया जाएगा। नए महत्वपूर्ण क्षेत्र जो आने वाले समय में देश को
वैश्विक स्तर पर स्थापित करेंगे जैसे कृत्रिम बुद्धिमता और 5G सेवा पर ध्यान केंद्रित किया
गया है और विशेष सहायता सहायता के प्रावधान किये गये हैं। पर्यावरण संरक्षण के
क्षेत्र में भी बड़ी पहल की गई है। समुद्र के तट पर मैनग्रोव पौधरोपण और नमभूमि
में वन संपदा को संरक्षित करने की भी घोषणा महत्वपूर्ण है।
‘गरीब कल्याण’ हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
इस बजट में करीब 2 लाख
करोड़ रुपए के प्रावधान
से सभी अंत्योदय वाले परिवारों
को मुफ्त खाद्यान्न देने की योजना को एक साल और बढ़ाने की भी घोषणा की गई है।
मत्स्य पालन में शामिल लोगों को सक्षम बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में सरकार
भंडारण क्षमता बढ़ाएगी। मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी इस बार विशेष योजना
‘श्री
अन्न’ के
माध्यम से की गई है इससे किसानों की आय बढ़ेगी और सभी स्वास्थ्य लाभ भी होगा।
सामाजिक न्याय प्रक्रिया को सुगम एवं सर्वग्राही बनाने के लिए भी घोषणाएं की गई
हैं। ई-कोर्ट की स्थापना की पहल की गई है। कैदियों के मानवाधिकारों को ध्यान में
रखते हुए जिनके पास जमानत की राशि की व्यवस्था नहीं है, उनके लिए सहायता राशि आवंटित की
गई है।
दुनिया की निगाहें भारत पर है, क्योंकि हमारा देश G20 की अध्यक्षता कर रहा है। इस
अवसर को ध्यान में रखते हुए पर्यटन के लिए 50 स्थानों पर केंद्र सरकार सभी
बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, होटल, कनेक्टिविटी
पर खर्च करेगी और संस्कृति, वास्तु
क्षेत्र, विभिन्न
वेशभूषाएं, भाषाएं, नृत्य, वाद्य सभी कलाओं को वहां
प्रोत्साहित किया जाएगा। बजट भारत की विकास यात्रा को जारी रखने वाला है।
इसमें
कोई शक नहीं है कि प्रधानमंत्री का जो संकल्प है, कि आने वाले समय में भारत
विश्वगुरु के स्थान पर स्थापित हो, इसके लिए हमें आर्थिक महाशक्ति
बनना होगा। यह बजट उसका मार्ग प्रशस्त करने के लिए नींव का पत्थर साबित होगा। अब
हमें सामूहिक संकल्प के साथ बजट के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
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