समारोह में क्षेत्रीय भाषाओं के इतिहास पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें मुझे दो दिन भाग लेने का मौका मिला। जिन विचारकों को मुझे सुनने और बातचीत करने का मौका मिला इसमें प्रमुख थे। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम, एन आर नारायण मूर्ती, राजीव मलोहत्रा आदी। अब्दूल कलाम जी को सुनने का युवाओं में काफी उत्साह था।
Friday, 30 January 2015
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल – मेरा अनुभव
समारोह में क्षेत्रीय भाषाओं के इतिहास पर भी प्रकाश डाला गया। इसमें मुझे दो दिन भाग लेने का मौका मिला। जिन विचारकों को मुझे सुनने और बातचीत करने का मौका मिला इसमें प्रमुख थे। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम, एन आर नारायण मूर्ती, राजीव मलोहत्रा आदी। अब्दूल कलाम जी को सुनने का युवाओं में काफी उत्साह था।
Thursday, 29 January 2015
माध्यम अनेक, मकसद एक
माध्यम अनेक, मकसद एक
गोपाल कृष्ण अग्रवाल,
जान बचाने के साथ जल संरक्षण को लेकर मन में जगे जज्बे ने सेक्टर-36 में रहने वाले, गोपाल कृष्ण अग्रवाल को समान सेत्री बना दिया। भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ते हुए लोगों के बीच जाने पर पता चला कि लोगों को प्रदूषित पेयजल नसीब हो या है. वहीं भारी मात्रा में जल बर्बाद भी हो रहा है। बस यहीं से शुरू कर दिया जल संरक्षण और संवर्धन का काम। गोपाल कृष्ण कहते हैं. 'मैं लोगों को जागरूक करने के लिए जल संरक्षण खुद भी करता हूं। मैं लोगों को जल उपवास के लिए प्रेरित करने के अलावा, स्कूलों में पेटिंग प्रतियोगिता नुक्कड़ नाटक और जल गीत से जागरूक करने का काम करता हूँ।'
दिल्ली में प्रदूषित पेयजल मिलने के खिलाफ छेड़ा अभियान गोपाल अग्रवाल कराते है, 'जब वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों से मिल रहे थे। उसी दौरान दिल्ली के त्रिलोकपुरी, जामिया व मंडावली इलाके में प्रदूषित पेयजल की समस्या का पता चला था। यहां कोई सरकारी जलापूर्ति का इंतजाम नहीं था। प्राइवेट कंपनी वाले टैंकर से पीने के पानी की आपूर्ति कर रहे ये। मैंने तय किया लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराऊंगा। पानी जीवन के लिए बाहुत महत्वपूर्ण है। पंचतत्व में से एक पानों भी है। किसी भी प्राणी का जीवन बिना पानी के नहीं चल सकता है। यही सोचकर मोपाल कृष्षर ने इस पर काम किया। प्रशासन स्तर पर जुट कर लोगों को शुद्ध पेयजल दिलाने के लिए लड़ाई छेड़ दी।
लोगों को जागरूक
करने
के
लिए
चलाते
है
कई
कार्यक्रम पानी को प्रदूषित होने से बचाने और उसके संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम गोपाल अग्रवाल द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसमें वह पदयात्रा, नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता, जल उपवास, जल पर लिखे गीतों द्वारा लोगों को पानी की महत्ता बताते है। साथ ही उसे संरक्षित करने के साथ उसे प्रदूषित होने से बचाने का भो संदेश देते हैं।
सैकड़ों लोगों
को
जोड़
चुके
हैं
अभियान
में जल संरक्षित और प्रदूषित होने से बचाने के लिए स्कूली बच्चों को वह ज्यादा जोड़कर बल रहे हैं। उनका कहना है कि यदि नौव अच्छी होगी, तो इमारत भी अच्छी बनेगी। बच्चों को जोड़ने से वह घर में भी परिवार के दूसरे सदस्यों को आसानी से
जोड़ लेते
है। इनके अलावा, कुछ बड़े लोगों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। जो समय-समय पर रैली आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।
अभियान में जोड़े तीन कार्यक्रम गोपाल अग्रवाल बताते है, 'जल को संरक्षित करने और प्रदूषित होने से बचाने के लिए कई मुद्दों पर काम कर रहा है। इसके तहत पानी को सीधे रिचार्ज करने से रोकने के साथ उसे सिस्टम के तहत रिचार्ज करने की व्यवस्था करने में जुटा हूं। नदियों में सीवोज के पानी को बिना ट्रीटमेंट के जरिए डालने से रोकना और नदियों के किनारे होने वाले अतिक्रमण को हटाने को कोशिश भी करता हूँ।
सार्वजनिक जगहों
पर
पीने
योग्य
पानी
की
व्यवस्था
हो
गोपाल अग्रवाल बताते हैं. 'एक सर्वे में यह बात स्पष्ट हो चुकी है। कि प्लास्टिक की बोतल से कैंसर फैलता है। यूरोप और अमेरिका में प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पहले सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगाए जाते थे। अब बहुत कम देखने को मिलता है। बेहतर होगा कि सरकारी स्तर पर सार्वजनिक जगहों पर पीने योग्य पानी की व्यवस्था कराई जाए।
हाथ बंटाती
हैं
बेटियां
मूलरूप से मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के रहने वाले 54 वर्षीय गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा ली और वहीं से चार्टर्ड एकाटेट (सीए) पास किया। वर्ष 1988 में हा सविता आग्रवाल से शादी हुई। उनकी दोनों बेटिया युविका और सोनाली भी पिता के जल संरक्षण के काम में हाथ बटाती है।
Thursday, 22 January 2015
दिल्ली की राजनीति
Tuesday, 20 January 2015
विश्व बैंक - भारत 2016-17 में चीन की विकास दर के समान होगा।
Monday, 19 January 2015
हिन्दुओं और सिखो की पाकिस्तान में विकट स्थिति ।
सिंध प्रांत में नवाब शाह नामक जगह के 46 वर्षीय सनाओ मेघवार कहते हैं, ”हम चिंतित हैं. हमने अपने बच्चों को भारत या किसी अन्य देश में भेजना शुरू कर दिया है. हम भी जल्द ही यहां से जाने की तैयारी कर रहे हैं.” उनके लिए चिंतित होने का कारण भी है. स्थानीय एजेंसियों की ओर से किए गए शोध के मुताबिक पाकिस्तान में हर महीने औसतन 25 हिंदू लड़कियों का अपहरण होता है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है.
1.कटासराज मंदिर, चकवाल, पाकिस्तानी पंजाब में स्थित है.
2.हिंगलाज माता मंदिर, बलोचिस्तान में है.
3.गोरी मंदिर, थारपारकर, सिंध मैं है.
4.मरी सिन्धु मंदिर परिसर, पंजाब में है.
5.शारदा मंदिर, पाक अधिकृत कश्मीर में है.
पाकिस्तान के हिन्दू मंदिरो पर वहाँ के मुस्लिम कट्टरपंथी बराबर हमले करते रहते हैं.वहाँ के अधिकतर मंदिरों में मुस्लिम कट्टरपंथियों के भय से न तो पूजापाठ होती है और न ही उनका सही ढंग से रख रखाव हो पा रहा है,जिसके कारण अधिकतर मंदिर खंडहर में तब्दील हो गए हैं.ये मंदिर कभी भी इबादत के बुतखाने और इस्लाम के खिलाफ बताकर नेस्तनाबूत किये जा सकते हैं.
कुछ वर्ष पहले “पाकिस्तान के नॉर्थ-वेस्ट रीजन पेशावर में 160 साल पुराने मंदिर में कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। हमलावर मूर्तियों को ले उड़े और मंदिर में तोड़-फोड़ मचा दी। धार्मिक किताबों को जला दिया और तस्वीरों को फाड़ दिया। इस ऐतिहासिक मंदिर को अदालत के आदेश पर पिछले साल ही खोला गया था.हिन्दू समुदाय के नेताओं ने बताया कि हमलावरों ने गोरखमठ मंदिर के भीतर की तस्वीरें जला दीं और उसमें रखीं मूर्तियां उठा ले गए.यह मंदिर गोर गाथरी इलाके के पुरातत्व परिसर में स्थित है.मंदिर के संरक्षकों ने बताया कि पिछले दो महीने में यह तीसरा हमला है.”
आज के समय में धर्म का स्वरुप असहिष्णु,हिंसक और विकृत होता चला जा रहा है.ये बहुत चिंता की बात है.पहले धर्म की यात्रा दिल से शुरू होती थी और लोककल्याण करते हुए भगवान के पास तक जाती थी.अब तो धर्म की यात्रा दिमाग से शुरू होती है और हिंसा व धार्मिक उन्माद पर जाकर समाप्त हो जाती है.अब धर्म से सहिष्णुता गायब हो चुकी है,उसकी जगह ” एकोहम द्वितीयो नास्ति ” जैसी घातक और संकीर्ण प्रवृति जन्म ले चुकी है.मुस्लिम कट्टरपंथी एक ही स्वप्न देखते हैं कि सारी दुनिया में सिर्फ उन्ही के धर्म का राज हो.अपने इस झूठे स्वप्न को पूरा करने के लिए वो हर तरह की हिंसा तथा बाल यौन-शोषण से लेकर हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन तक का गलत रास्ता अख्तियार किये हुए हैं,जो इस्लाम के नियमों के भी सरासर खिलाफ हैं.ये सब गलत काम करके वो इस्लाम धर्म का प्रचार नहीं कर रहे हैं,बल्कि इस्लाम धर्म को नुकसान ही पहुंचा रहे हैं.अगर वास्तव में उन्हें इस्लाम धर्म और खुदा से मोहब्बत हैं तो उन्हें ऐसा गलत काम करने से बचना चाहिए। भारत सरकार और मानवाधिकार संस्थाओं को इस विषय परिस्थिति का तुरन्त से ज्ञान लेना चाहिए। HRDI के तहत इस विषय पर काफी काम हो रहें है और हिन्दुओं के मानवधिकार के लिए उनके साथ कन्धें से कन्धा मिलाकर खड़े है।