भारतीय जनता पार्टी
द्वारा जारी किया गया संकल्प पत्र न केवल पार्टी की पाँच साल की उपलब्धियों का
लेखा जोखा है बल्कि २०२२ तक का रोडमैप भी है। इस संकल्प पत्र में किसानों की
उम्मीद, मजदूरों की आशाएं,
बेरोजगारों के लिए नए अवसर, सुरक्षा के लिए
सख्त कदम और विकास के नए आयामों को जनता के सामने रखा गया है। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने इस संकल्प पत्र के जारी किए जाने के मौके पर कहा कि १३० करोड़
भारतीयों की शक्ति और कौशल के बलबूते और जन भागीदारी के साथ हमने अवरोधों को
अवसरों में, अवनति को विकास की गति में और निराशा को आशा में बदला है।
प्रधानमंत्री ने देश की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता बताई, उन्होंने कहा कि
देश की शांति और एकता को नुकसान पहुंचाने वाली हर विघटनकारी विचारधारा को जवाब
दिया गया है। उन्हें पहली बार सूद समेत उन्हीं की भाषा में कड़ा जवाब मिला है। सबसे
महत्वपूर्ण बात है कि पूर्वोत्तर भारत जो अब तक अलग थलग रहता था पिछले ५ सालों में
देश की मुख्यधारा से मजबूती से जुड़ गया है।
२०१४ के जिन प्रमुख
मुद्दों पर हम खरे उतरे
अगर हम २०१४ के
भाजपा के घोषणा पत्र की बात करें तो कुछ प्रमुख मुद्दे जिन पर भाजपा कामयाब रही है
उनमें सबसे प्रमुख है महंगाई दर जो ९ फीसद से ऊपर थी वह २०१९ में अब ३ प्रतिशत से
कम है, इसी तरह से वस्तु और सेवा कर को सफलतापूर्वक लागू करने में भी
भाजपा सरकार कामयाब रही है, आतंरिक सुरक्षा के मुद्दे पर भी सरकार सफल रही है। भ्रष्टाचार के
मुद्दे पर सरकार ने जो वायदे किए उसमें पूरी तरह कामयाब रही है। २०१९ के संकल्प
पत्र में जिन विषयों पर सरकार ने सबसे ज्यादा जोर दिया है उसमे आतंकवाद को लेकर
जीरो टॉलरेंस की नीति पर दृढ़ता रहेगी। इसी से जुड़ा हुआ घुसपैठियों का मामला है
जिसने देश में सांस्कृतिक और भाषाई परिवर्तन किया है उसे रोकने के लिए चरणबद्ध
तरीके से एनआरसी को देशभर में लागु किया जायेगा। २०१४ में किये गए वादों में २४
घंटे बिजली देने का वादा भी प्रमुखता से था, मोदी सरकार ने सभी गावों में बिजली
पहुँचाने में सफलता प्राप्त की है और अब जल्द ही हर घर तक बिजली देने कि बात कही
है।
संवैधानिक मसले
भाजपा ने अपने
संकल्प में नागरिक संसोधन बिल पर पुरानी प्रतिबद्धता जताई है। जम्मू और कश्मीर में
राष्ट्रीय हित के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण रखने वाले अनुच्छेद ३५ए को ख़त्म
किया जाना और अनुच्छेद ३७० पर कटिबद्धता भी संकल्प पत्र का हिस्सा है।
ढांचागत विकास का
खाका
भाजपा ने बुनियादी
ढांचा निर्माण क्षेत्र में २०२४ तक १०० लाख करोड़ रूपए के पूंजीगत निवेश की बात कही
है। बैंकिंग व्यवस्था सुदृढ़ बनाकर भाजपा सरकार ने पूँजी लागत की
व्यवस्था को मजबूत कर दिया है। शूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों के लिए ऋण
गॉरन्टी योजना के तहत २०१७-१८ में १९,००० करोड़ रुपए ऋण दिया गया है जो २०२४
तक १ लाख करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शूक्ष्म, लघु और मझोले
उद्योगों के कौशल केंद्र और एनएसआईसी के इन्क्यूबेशन केंद्र छः लाख़ लोगों से
ज्यादा लोगों को उच्च स्तरीय कौशल उपलब्ध कराएगा। इसके अलावां राष्ट्रीय व्यापारी
कल्याण बोर्ड, राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति और जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत सभी
व्यापारियों को १० लाख तक का दुर्घटना बीमा उपलब्ध कराया जायेगा जो छोटे
व्यापारियों के हित के लिए किया गया एक बड़ा प्रयास है। भाजपा का प्रस्ताव है कि
युवा उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए ५० लाख रुपए तक का ऋण बिना किसी सिक्योरिटी के
दिए जाएंगे। भाजपा ने स्टार्ट अप के लिए एक लम्बी चौड़ी योजना तैयार की है और साथ
ही साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को वित्तीय
सहायता प्रदान करने की योजना भी तैयार की है और 'उद्यमशील उत्तरपूर्व योजना' की घोषणा की है।
नए भारत के निर्माण
के लिए गैस ग्रिड, वाटर ग्रिड, आई-वे और राष्ट्रीय राजमार्गो पर सुविधा के लिए आधारभूत ढांचों में
आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। नदी जोड़ो परियोजना में तेजी लाने और 'जल जीवन मिशन' के माध्यम से हर घर
में २०२४ तक नल के माध्यम से पानी पहुँचाए जाने कि भी योजना भाजपा ने तैयार की है।
विकास को नए मायने देने के लिए स्वतंत्रता के ७५ वर्ष पूरे होने के समय पर अगले ५
सालों में ६० हजार किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण और २०२२ तक राष्ट्रीय
राजमार्गों कि लम्बाई दुगुना करने की योजना है। जहाँ तक रेल का प्रश्न है २०२२ तक
ज्यादातर रेल मार्गो को ब्रॉड गेज में बदलना, रेल लाइन का विद्युतीकरण और २०२२ तक
फ्रेट कॉरिडोर तैयार करना है। २०१४ के ६५ के मुकाबले अभी बढ़कर १०१ कार्यात्मक हवाई
अड्डे हैं जिसे अगले ५ वर्षो में दुगुना किए जाने की योजना है।
सरकार ने
स्वतंत्रता के ७५ वर्ष के उपलक्ष्य में सन २०२२ तक के लिए ७५ महत्वपूर्ण कदम का
संकल्प भी लिया है।
सबका स्वास्थ और
तकनीकी विकास
प्रधानमंत्री जन
आरोग्य योजना अपने आप में एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे विश्व स्तर पर सराहा जा रहा है
जिसमे १०.७४ करोड़ गरीब परिवारों को ५ लाख का वार्षिक स्वास्थ कवर उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही साथ २०२२ तक १.५ लाख 'स्वास्थ और कल्याण
केंद्र' स्थापित करने की बात संकल्प पत्र में है। अब तक १७१५० 'स्वास्थ और कल्याण
केंद्र' काम करने लगे हैं। देश भर के लोक सभा और विधान सभा के
चुनावों को एक साथ कराए जाने के वायदे पर भाजपा कायम है। सुपर कंप्यूटर, आर्टिफिशल
इंटेलिजेंस और क्वान्टम मिशन भारत को इंडस्ट्री ५.० के लिए तैयार करेंगे जिससे सभी
संसाधनों का सतत उपयोग भी किया जा सके। मिशन शक्ति के बाद अगला लक्ष्य गगनयान का
प्रक्षेपण है। भारतनेट के माध्यम से २०२२ तक देश के सभी पंचायतों को तेज रफ़्तार
ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जायेगा, जिससे बड़ी मात्रा में नए रोजगार भी
उत्पन्न होंगे।
महिलाओं, किसानों और गरीबों
का ख्याल
भाजपा ने तीन तलाक़, निकाह-हलाला जैसी
प्रथाओं के उन्मूलन और उनके रोक के लिए कानून पारित करने की बात भी कही है। भाजपा
संविधान में प्रावधान के जरिये संसद और राज्य विधान सभाओँ में महिलाओं के लिए ३३ प्रतिशत
आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। गरीबी की रेखा के नीचे के परिवारों के
प्रतिशत को अगले ५ वर्षो में एक अंक में ले लाने का लक्ष्य रखा गया है। महिलाओं को
ज्यादा से ज्यादा रोजगार में बढ़ावा देने के लिए १० प्रतिशत सरकारी खरीदारी शूक्ष्म, लघु और मझोले
उद्योगों से की जाएगी जिसकी ५० प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं होंगी।
इसके अलावां २०२२
तक हर कच्चे घरों में रहने वालों को पक्का घर दिया जायेगा। जहां तक किसानो का
प्रश्न है भाजपा की एक व्यापक योजना उनको लेकर है जिसमे सभी के लिए प्रधानमंत्री
किसान सम्मान निधि योजना, छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन, कृषि-ग्रामीण
क्षेत्र में २५ लाख करोड़ रुपए का नया निवेश और ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड ऋण
शामिल हैं। खेलों को बढ़ावा देने के लिए छोटे और अति छोटे स्टेडियम के निर्माण
को भी घोषणा पत्र में शामिल किया गया है।
सांस्कृतिक विरासत
और भू-राजनितिक सामर्थ
देश की सांस्कृतिक
विरासत, जैसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सभी संभावनाओं की तलाश, भाषाओ और बोलिओं के
लिए कार्यबल, गंगा की निर्मलता और अविरलता और सबरीमाला को लेकर आस्था और विश्वास
को संबैधानिक संरक्षण तथा योग के प्रचार और विस्तार के लिए संकल्प पत्र में
प्रतिबद्धता दोहराई गई है । भाजपा का यह भी मानना है कि बिना समान नागरिक संहिता के
लैंगिक समानता कायम नहीं की जा सकती और यह राज्य नीति निर्देशक सिद्धांतो के रूप
में संविधान मे भी दर्ज है।
एक अन्य महत्वपूर्ण बात है भारत कि
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की स्थाई सदस्यता के लिए प्रतिबद्धता। भाजपा का
संकल्प पत्र देश को एक सशक्त देश के रूप में तेजी से स्थापित करने का रोड मैप है।
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